"चलो हटो भी , मेरी तारीफ का कोई मौका नहीं छोड़ते हो । "चलो हटो भी , मेरी तारीफ का कोई मौका नहीं छोड़ते हो ।
लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास उसके बाद क्या हुआ, हमें सचमुच नहीं मालूम। लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास उसके बाद क्या हुआ, हमें सचमुच नह...
भी बहुत ढूंढा बच्चों को मगर वह नहीं मिले। रेगिस्तान के अंदर हुए हादसों से लिया हुआ कथ भी बहुत ढूंढा बच्चों को मगर वह नहीं मिले। रेगिस्तान के अंदर हुए हादसों से लि...
ओर इस हादसे को भुला कर आगे बढ़ने लगे ओर ये सिख ली की कभी भी बच्चों को सभी चीजों के लिए ओर इस हादसे को भुला कर आगे बढ़ने लगे ओर ये सिख ली की कभी भी बच्चों को सभी चीजों ...
उसे शायद मेरी ताकत का अनुमान नहीं है। उसे शायद मेरी ताकत का अनुमान नहीं है।
पता नहीं वह कौन सी दुनिया है जहां लोग इस तरह छोड़ कर चले जाते हैं ,अपनों को रोते बिलखते पता नहीं वह कौन सी दुनिया है जहां लोग इस तरह छोड़ कर चले जाते हैं ,अपनों को रोते...